राजेश शर्मा। मेरठ

मेरठ में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान, राष्ट्रीय लोकदल (RLD) के सांसद चंदन चौहान ने तमिलनाडु के मुख्यमंत्री स्टालिन के भाषाई विवाद पर कड़ा विरोध जताया। उन्होंने कहा कि भाषा एक माध्यम होती है, जो लोगों को जोड़ने का काम करती है, और इसे कभी भी राजनीति का हिस्सा नहीं बनाना चाहिए। चौहान ने यह भी कहा कि उनका और पार्टी का मानना है कि भाषा का चुनाव बच्चों की शिक्षा के लिए उपयुक्त होना चाहिए, और यह बहुलता की भावना को बढ़ावा देना चाहिए।
उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के तहत तीन भाषाओं का फार्मूला (Three-Language Formula) लागू किया जाना चाहिए, जो बच्चों को बहुभाषी शिक्षा देने का उद्देश्य रखता है। उनके अनुसार, यह फार्मूला किसी भी भाषा को किसी पर थोपने का प्रयास नहीं करता, बल्कि बच्चों को शिक्षा में विविधता और एकता की भावना सिखाता है। चौहान ने यह भी स्पष्ट किया कि NEP का उद्देश्य देश की एकता को बनाए रखना है, और इसमें किसी भी भाषा को जबरदस्ती लागू नहीं किया गया है।
सांसद ने यह भी कहा कि, 1968 में कांग्रेस पार्टी की पॉलिसी के बावजूद, मुलायम सिंह यादव ने हिंदी और क्षेत्रीय भाषाओं के समर्थन में हमेशा काम किया था। उन्होंने यह विश्वास जताया कि NEP का उद्देश्य देश को जोड़ना है, न कि किसी विशेष भाषा को थोपना।
चौहान ने तमिलनाडु के मुख्यमंत्री स्टालिन के बयान पर सवाल उठाया, जिसमें उन्होंने कहा था कि हिंदी को थोपने की कोशिश की जा रही है। उनका मानना था कि NEP के तहत भाषा को राजनीतिक मुद्दा नहीं बनाना चाहिए। इसके बजाय, यह शिक्षा के अवसरों का विस्तार करना चाहिए।
1 thought on “मेरठ में भाषा के सवाल पर मुलायम सिंह यादव की तारीफ कर गए जयंत चौधरी के बिजनौर सांसद चंदन चौहान।।”